सहीह अल-बुख़ारी: Difference between revisions

From Ummat e Muslima
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[[File:Sahih Al Bukhari.png|alt=सहीह बुखारी बुक कवर|thumb|सहीह अल बुखारी किताब का कवर]]
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{{Infobox religious biography
| name              = Muḥammad ibn Ismā‘īl al-Bukhārī<br />{{lang|ar|مُحَمَّد بْنُ إسْماعِيل البُخَارِي}}
| full_name          =
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| title              = [[Amir al-Mu'minin|Amir al-Mu'minīn fi al-Hadīth]]
| image              = AlBukhari mausoleum.jpg
| caption            = Al-Bukhārī's mausoleum
| religion          = [[Islam]]
| birth_date        = 21 July 810 <br /> 13 [[Shawwal]] 194 AH
| birth_place        = [[Bukhara]], [[Abbasid Caliphate]]
| death_date        = {{Death date and age|870|9|1|810|7|19|df=yes}} <br /> 1 Shawwal 256 AH
| death_place        = Khartank, [[Samarkand]], Abbasid Caliphate
| resting_place      = Imam Bukhari Mosque near [[Samarkand]], [[Uzbekistan]]
| occupation        = ''[[Muhaddith]]''
| denomination      = [[Sunni]]
| era                = [[Islamic Golden Age]] <br> ([[Abbasid dynasty|Abbasid era]])
| region            = [[Abbasid Caliphate]]
| main_interests    = [[Hadith]], [[Aqidah]]
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| notable_works      = ''[[Sahih al-Bukhari]]'' <br /> ''[[al-Adab al-Mufrad]]''
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*[[Ahmad ibn Hanbal]]
*[[Abu Hanifa]]
*[[Ishaq ibn Rahwayh]]<ref name="Balushipp150To165">{{Citation| last =Ibn Rāhwayh | first =Isḥāq | date =1990 | editor-last =Balūshī | editor-first =ʻAbd al-Ghafūr ʻAbd al-Ḥaqq Ḥusayn | title =Musnad Isḥāq ibn Rāhwayh | edition =1st | publisher =Tawzīʻ Maktabat al-Īmān | pages = 150–165}}</ref>
*[[Yahya ibn Ma'in]]
*[[Ali ibn al-Madini]]
*[[Naim ibn Hammad]]
*[[Ibn Abi Shaybah]]
*[[Ibn Kullab]]
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*[[Ibn Khuzayma]]
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| creed              = See ''[[#School of Law and Theology|School of Law and Theology]]''
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सहीह अल-बुख़ारी (Sahih al-Bukhari) (अरबी : صحيح البخاري ), जिसे बुखारी शरीफ़ (अरबी : بخاري شريف ) भी कहा जाता है। सुन्नी इस्लाम के कुतुब अल-सित्ताह (छह प्रमुख हदीस संग्रह) में से एक है। इन पैग़म्बर की परंपराओं, या हदीसों को मुस्लिम विद्वान मुहम्मद अल-बुख़ारी ने एकत्र किया। इस हदीस का संग्रह 846/232 हिजरी के आसपास पूरा हो गया था। सुन्नी मुसलमान सही बुख़ारी और सही मुस्लिम को दो सबसे भरोसेमंद संग्रह मानते हैं। [1][2] ज़ैदी शिया मुसलमानों द्वारा भी एक प्रामाणिक हदीस संग्रह के रूप में माना और इसका उपयोग भी किया जाता है। [3] कुछ समूहों में, इसे कुरान के बाद सबसे प्रामाणिक पुस्तक माना जाता है। [4][5] अरबी शब्द "सहीह" का मतलब प्रामाणिक या सही का अर्थ देता है। [6] सही मुस्लिम के साथ सही अल बुखारी को "सहीहैन" (सहीह का बहुवचन) के नाम से पुकारा जाता है।
सहीह अल-बुख़ारी (Sahih al-Bukhari) (अरबी : صحيح البخاري ), जिसे बुखारी शरीफ़ (अरबी : بخاري شريف ) भी कहा जाता है। सुन्नी इस्लाम के कुतुब अल-सित्ताह (छह प्रमुख हदीस संग्रह) में से एक है। इन पैग़म्बर की परंपराओं, या हदीसों को मुस्लिम विद्वान मुहम्मद अल-बुख़ारी ने एकत्र किया। इस हदीस का संग्रह 846/232 हिजरी के आसपास पूरा हो गया था। सुन्नी मुसलमान सही बुख़ारी और सही मुस्लिम को दो सबसे भरोसेमंद संग्रह मानते हैं। [1][2] ज़ैदी शिया मुसलमानों द्वारा भी एक प्रामाणिक हदीस संग्रह के रूप में माना और इसका उपयोग भी किया जाता है। [3] कुछ समूहों में, इसे कुरान के बाद सबसे प्रामाणिक पुस्तक माना जाता है। [4][5] अरबी शब्द "सहीह" का मतलब प्रामाणिक या सही का अर्थ देता है। [6] सही मुस्लिम के साथ सही अल बुखारी को "सहीहैन" (सहीह का बहुवचन) के नाम से पुकारा जाता है।

Revision as of 20:47, 14 October 2023

सहीह बुखारी बुक कवर
सहीह अल बुखारी किताब का कवर

सहीह अल-बुख़ारी (Sahih al-Bukhari) (अरबी : صحيح البخاري ), जिसे बुखारी शरीफ़ (अरबी : بخاري شريف ) भी कहा जाता है। सुन्नी इस्लाम के कुतुब अल-सित्ताह (छह प्रमुख हदीस संग्रह) में से एक है। इन पैग़म्बर की परंपराओं, या हदीसों को मुस्लिम विद्वान मुहम्मद अल-बुख़ारी ने एकत्र किया। इस हदीस का संग्रह 846/232 हिजरी के आसपास पूरा हो गया था। सुन्नी मुसलमान सही बुख़ारी और सही मुस्लिम को दो सबसे भरोसेमंद संग्रह मानते हैं। [1][2] ज़ैदी शिया मुसलमानों द्वारा भी एक प्रामाणिक हदीस संग्रह के रूप में माना और इसका उपयोग भी किया जाता है। [3] कुछ समूहों में, इसे कुरान के बाद सबसे प्रामाणिक पुस्तक माना जाता है। [4][5] अरबी शब्द "सहीह" का मतलब प्रामाणिक या सही का अर्थ देता है। [6] सही मुस्लिम के साथ सही अल बुखारी को "सहीहैन" (सहीह का बहुवचन) के नाम से पुकारा जाता है।