Muhammad Mustafa Sallallahu Alaihi Wasallam: Difference between revisions
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पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ﷺ रबीउल अव्वल महीने की 12 तारीख 570 ईस्वी में सऊदी अरब के मक्का में पैदा हुए। आपके पिता का नाम अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुतलिब और माँ का नाम बीबी आमिना था। आप बचपन से ही अल्लाह की इबादत में मसरूफ़ रहते थे। आप पर ही पवित्र पुस्तक क़ुरान उतारी गयी। 40 साल की उम्र में आपको अल्लाह की और से एक पैगाम हासिल हुआ। जिसमे अल्लाह ने आपको कहा की तुम दुनिया में हो रही बुराइयों को मिटाओ लोगो को समझाओ उनको गुमराही से बचाओ। आपने अल्लाह के इस हुक्म को कबूल किया और उस पर खरा उतरने का वादा किया। तभी से उन्हें नबूवत हासिल हुई। आपकी वफ़ात भी रबीउल अव्वल महीने की 12 तारीख 632 ईस्वी को तेज़ बुखार की वजह से हुई। वफ़ात के वक़्त आप 63 साल के थे। | पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ﷺ रबीउल अव्वल महीने की 12 तारीख 570 ईस्वी में सऊदी अरब के मक्का में पैदा हुए। आपके पिता का नाम अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुतलिब और माँ का नाम बीबी आमिना था। आप बचपन से ही अल्लाह की इबादत में मसरूफ़ रहते थे। आप पर ही पवित्र पुस्तक क़ुरान उतारी गयी। 40 साल की उम्र में आपको अल्लाह की और से एक पैगाम हासिल हुआ। जिसमे अल्लाह ने आपको कहा की तुम दुनिया में हो रही बुराइयों को मिटाओ लोगो को समझाओ उनको गुमराही से बचाओ। आपने अल्लाह के इस हुक्म को कबूल किया और उस पर खरा उतरने का वादा किया। तभी से उन्हें नबूवत हासिल हुई। आपकी वफ़ात भी रबीउल अव्वल महीने की 12 तारीख 632 ईस्वी को तेज़ बुखार की वजह से हुई। वफ़ात के वक़्त आप 63 साल के थे। | ||
पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के द्वारा भेजे गए इस्लाम के आखरी पैग़म्बर व नबी है। आपने ही इस्लाम धर्म की स्थापना की हैं। उस दौर में अरब में लोगो का बहुत बुरा हाल था। उस वक़्त वहां हर वर्ग का अपना अलग धर्म था। और उनके अलग अलग तरह के देवी देवता थे। कोई मूर्ति को पूजता था, तो कोई ताकतवर बादशाहो को अपना भगवान मानता था। कोई जानवरो को पूजता था तो कोई शैतानो को सबके अपने अलग अलग देवता थे। इसके अलावा वहाँ हिंसक भावना सभी लोगो में थी। सभी एक दूसरे के दुश्मन उनके खून के प्यासे थे। वहां कोई भी सुरक्षित नहीं था। औरते और बच्चे तक महफूज़ नहीं थे। इस बुरे दौर को खत्म करने के लिए अल्लाह ने पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को पैग़म्बर बनाया। | पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के द्वारा भेजे गए इस्लाम के आखरी पैग़म्बर व नबी है। आपने ही इस्लाम धर्म की स्थापना की हैं। उस दौर में अरब में लोगो का बहुत बुरा हाल था। उस वक़्त वहां हर वर्ग का अपना अलग धर्म था। और उनके अलग अलग तरह के देवी देवता थे। कोई मूर्ति को पूजता था, तो कोई ताकतवर बादशाहो को अपना भगवान मानता था। कोई जानवरो को पूजता था तो कोई शैतानो को सबके अपने अलग अलग देवता थे। इसके अलावा वहाँ हिंसक भावना सभी लोगो में थी। सभी एक दूसरे के दुश्मन उनके खून के प्यासे थे। वहां कोई भी सुरक्षित नहीं था। औरते और बच्चे तक महफूज़ नहीं थे। इस बुरे दौर को खत्म करने के लिए अल्लाह ने पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को पैग़म्बर बनाया। |
Revision as of 17:03, 14 October 2023
पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ﷺ रबीउल अव्वल महीने की 12 तारीख 570 ईस्वी में सऊदी अरब के मक्का में पैदा हुए। आपके पिता का नाम अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुतलिब और माँ का नाम बीबी आमिना था। आप बचपन से ही अल्लाह की इबादत में मसरूफ़ रहते थे। आप पर ही पवित्र पुस्तक क़ुरान उतारी गयी। 40 साल की उम्र में आपको अल्लाह की और से एक पैगाम हासिल हुआ। जिसमे अल्लाह ने आपको कहा की तुम दुनिया में हो रही बुराइयों को मिटाओ लोगो को समझाओ उनको गुमराही से बचाओ। आपने अल्लाह के इस हुक्म को कबूल किया और उस पर खरा उतरने का वादा किया। तभी से उन्हें नबूवत हासिल हुई। आपकी वफ़ात भी रबीउल अव्वल महीने की 12 तारीख 632 ईस्वी को तेज़ बुखार की वजह से हुई। वफ़ात के वक़्त आप 63 साल के थे।
पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के द्वारा भेजे गए इस्लाम के आखरी पैग़म्बर व नबी है। आपने ही इस्लाम धर्म की स्थापना की हैं। उस दौर में अरब में लोगो का बहुत बुरा हाल था। उस वक़्त वहां हर वर्ग का अपना अलग धर्म था। और उनके अलग अलग तरह के देवी देवता थे। कोई मूर्ति को पूजता था, तो कोई ताकतवर बादशाहो को अपना भगवान मानता था। कोई जानवरो को पूजता था तो कोई शैतानो को सबके अपने अलग अलग देवता थे। इसके अलावा वहाँ हिंसक भावना सभी लोगो में थी। सभी एक दूसरे के दुश्मन उनके खून के प्यासे थे। वहां कोई भी सुरक्षित नहीं था। औरते और बच्चे तक महफूज़ नहीं थे। इस बुरे दौर को खत्म करने के लिए अल्लाह ने पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को पैग़म्बर बनाया।