ईद-उल-फितर: Difference between revisions

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ईद-उल-फितर
ईद उल-फ़ित्र या ईद उल-फितर (Eid ul Fitr) (अरबी: عيد الفطر) रमज़ान (Ramzaan) उल-मुबारक के एक महीने के बाद एक मज़हबी ख़ुशी का इजहार करते हैं। जिसे ईद उल-फ़ित्र कहा जाता है। ये यक्म शवाल अल-मुकर्रम्म को मनाया जाता है। ईद उल-फ़ित्र इस्लामी कैलेण्डर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। इस्लामिक कैलंडर (Islamic Calendar) के सभी महीनों की तरह यह भी नए चाँद के दिखने पर शुरू होता है। मुसलमानों का त्योहार ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरकत के लिए दुआएं मांगते हैं। पूरी दुनिया में ईद की खुशी पूरे जोर शोर से मनाई जाती है।
 
इस्लाम में त्यौहार का एक ख़ास मकसद दिलो के रिश्तो को मजबूत करना होता हे। आज के दौर में जब की हर तरफ कशीदगी का माहोल हे, लोग एक दूसरे से कट रहे, शक की नजर से देख रहे हे. ऐसे में ईद की ख़ुशी अपनी मिठास के साथ किसी के दिल में शक्कर घोलने का काम कर दे तो इससे बढ़ कर इंसानियत का क्या भला हो सकता हे।
 
===== कुछ जरूरी हिदायत =====
 
# हुकूमत की हिदायात और मुल्क के मौजूदा हालात को सामने रखते हुए जहां तक मुमकिन हो एहतियात से काम ले।
# ईद की नमाज के लिए कहीं भी बड़ा इज्तेमा बिल्कुल ना करें हर घर के लोग अपने-अपने घर में नमाज पढ़ें।
# ईद की नमाज के अलावा भी कहीं भीड़ भाड़ ना लगाएं।
# सादगी के साथ ईद के अहकाम अदा करे।
# अपने बाल बच्चों पर भी नजर रखें कि वह कोई खिलाफे कानून और खिलाफे शरिअत काम ना करें।
# ड्रोन कैमरों से भी घरों की निगरानी की जाती है इसलिए छत वगैरह पर भी बड़ा इज्तेमा करने से परहेज करें।
# मुखबिरी करने वाले भी गली-गली में मौजूद होते हैं।
# ईद मनाते वक्त अपने इर्द-गिर्द के जरूरतमंदों की जरूरत का भी ख्याल रखें।
# मुख्तलिफ शहरों से अपने इलाकों की तरफ पैदल या सवारी से सफर करने वालों की खिदमत करें।
# कोरोना वायरस के खातेमा के लिए रमजान के बाकी बचे औकात में और बाद में भी खुसूसी दुआएं करें।
# रमजान उल मुबारक के बाकी बचे लम्हात को गनीमत जानें और ज्यादा से ज्यादा नेकियां करें, मालूम नहीं दोबारा यह मौका मिले ना मिले।
 
'''अल्लाह तआला हमारी नेकीयों को कबूल फरमाए, कोताहियों और गलतियों को माफ करे, मुल्क और पूरी दुनिया को आफियत और अमन ओ अमान की नेअमत से सरफराज करे। आमीन।।।।'''

Latest revision as of 22:24, 9 November 2023

ईद उल-फ़ित्र या ईद उल-फितर (Eid ul Fitr) (अरबी: عيد الفطر) रमज़ान (Ramzaan) उल-मुबारक के एक महीने के बाद एक मज़हबी ख़ुशी का इजहार करते हैं। जिसे ईद उल-फ़ित्र कहा जाता है। ये यक्म शवाल अल-मुकर्रम्म को मनाया जाता है। ईद उल-फ़ित्र इस्लामी कैलेण्डर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। इस्लामिक कैलंडर (Islamic Calendar) के सभी महीनों की तरह यह भी नए चाँद के दिखने पर शुरू होता है। मुसलमानों का त्योहार ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरकत के लिए दुआएं मांगते हैं। पूरी दुनिया में ईद की खुशी पूरे जोर शोर से मनाई जाती है।

इस्लाम में त्यौहार का एक ख़ास मकसद दिलो के रिश्तो को मजबूत करना होता हे। आज के दौर में जब की हर तरफ कशीदगी का माहोल हे, लोग एक दूसरे से कट रहे, शक की नजर से देख रहे हे. ऐसे में ईद की ख़ुशी अपनी मिठास के साथ किसी के दिल में शक्कर घोलने का काम कर दे तो इससे बढ़ कर इंसानियत का क्या भला हो सकता हे।

कुछ जरूरी हिदायत[edit | edit source]
  1. हुकूमत की हिदायात और मुल्क के मौजूदा हालात को सामने रखते हुए जहां तक मुमकिन हो एहतियात से काम ले।
  2. ईद की नमाज के लिए कहीं भी बड़ा इज्तेमा बिल्कुल ना करें हर घर के लोग अपने-अपने घर में नमाज पढ़ें।
  3. ईद की नमाज के अलावा भी कहीं भीड़ भाड़ ना लगाएं।
  4. सादगी के साथ ईद के अहकाम अदा करे।
  5. अपने बाल बच्चों पर भी नजर रखें कि वह कोई खिलाफे कानून और खिलाफे शरिअत काम ना करें।
  6. ड्रोन कैमरों से भी घरों की निगरानी की जाती है इसलिए छत वगैरह पर भी बड़ा इज्तेमा करने से परहेज करें।
  7. मुखबिरी करने वाले भी गली-गली में मौजूद होते हैं।
  8. ईद मनाते वक्त अपने इर्द-गिर्द के जरूरतमंदों की जरूरत का भी ख्याल रखें।
  9. मुख्तलिफ शहरों से अपने इलाकों की तरफ पैदल या सवारी से सफर करने वालों की खिदमत करें।
  10. कोरोना वायरस के खातेमा के लिए रमजान के बाकी बचे औकात में और बाद में भी खुसूसी दुआएं करें।
  11. रमजान उल मुबारक के बाकी बचे लम्हात को गनीमत जानें और ज्यादा से ज्यादा नेकियां करें, मालूम नहीं दोबारा यह मौका मिले ना मिले।

अल्लाह तआला हमारी नेकीयों को कबूल फरमाए, कोताहियों और गलतियों को माफ करे, मुल्क और पूरी दुनिया को आफियत और अमन ओ अमान की नेअमत से सरफराज करे। आमीन।।।।